
#गुमला #शौर्य_यात्रा : हिंदू एकता और सनातन गौरव के प्रतीक आयोजन को सफल बनाने वाले सभी सहयोगियों को दिया धन्यवाद
- बजरंग दल शौर्य यात्रा का गुमला में हुआ भव्य और शांतिपूर्ण आयोजन।
- विश्व हिन्दू परिषद् गुमला जिला अध्यक्ष अजय सिंह राणा ने धन्यवाद ज्ञापन कर जताया आभार।
- प्रखंड अध्यक्ष, मंत्री, संयोजक, कार्यकर्ता, स्वयंसेवक और समाजसेवियों की रही अहम भूमिका।
- यात्रा में जय श्री राम और भारत माता की जय के नारों से गूंजा शहर।
- पुष्प वर्षा, शस्त्र कला प्रदर्शन और अनुशासित सहभागिता बनी आकर्षण का केंद्र।
- शौर्य यात्रा को बताया सनातनियों को एकजुट करने का सशक्त माध्यम।
गुमला जिले में आयोजित बजरंग दल शौर्य यात्रा का आयोजन पूरी तरह सफल और ऐतिहासिक रहा। इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद् गुमला जिला अध्यक्ष अजय सिंह राणा ने यात्रा की सफलता के लिए सभी सहयोगियों, कार्यकर्ताओं और समाज के विभिन्न वर्गों के प्रति आभार प्रकट करते हुए विधिवत धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि सनातन धर्म, हिंदू एकता और सांस्कृतिक चेतना का जीवंत प्रतीक है।
अजय सिंह राणा ने कहा कि शौर्य यात्रा के सफल आयोजन में गुमला जिले के सभी प्रखंड अध्यक्षों, मंत्रियों, संयोजकों, सक्रिय कार्यकर्ताओं, कोरबा भाई-बंधु पदाधिकारियों, स्वयंसेवकों, स्थानीय नागरिकों, समाजसेवियों, जल सेवा के लिए स्टॉल लगाने वाले गणमान्य लोगों और सुरक्षा व्यवस्था में तैनात बलों का अतुलनीय योगदान रहा।
धन्यवाद ज्ञापन में गूंजे जयघोष
धन्यवाद ज्ञापन के दौरान “जय श्री राम” और “भारत माता की जय” के नारों से वातावरण भक्तिमय और ओजस्वी हो उठा। अजय सिंह राणा ने कहा कि जिस अनुशासन, समर्पण और उत्साह के साथ शौर्य यात्रा संपन्न हुई, वह गुमला जिले की हिंदू समाज की एकता और संगठन शक्ति को दर्शाता है।
उन्होंने विशेष रूप से यात्रा के दौरान की गई पुष्प वर्षा, शस्त्र कला प्रदर्शन और मर्यादित अनुशासन की सराहना की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह आयोजन आस्था के साथ-साथ संस्कृति और संयम का भी प्रतीक रहा।
शौर्य यात्रा केवल यात्रा नहीं, एक विचार है
विहिप जिला अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा:
अजय सिंह राणा ने कहा: “शौर्य यात्रा केवल एक यात्रा नहीं है, यह सनातनियों को एकजुट करने का एक सशक्त माध्यम है। यह हमारी आस्था, संस्कृति और आत्मसम्मान की अभिव्यक्ति है।”
उन्होंने कहा कि यह यात्रा समाज को यह संदेश देती है कि सनातन धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि एक जीवंत जीवन पद्धति है, जो संगठन, सेवा और संस्कार के माध्यम से आगे बढ़ती है।
500 वर्षों के संघर्ष की स्मृति
अजय सिंह राणा ने अपने वक्तव्य में 500 वर्षों के ऐतिहासिक संघर्ष का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस लंबे संघर्ष काल में लाखों कारसेवकों ने अपने प्राणों की आहुति दी, तब जाकर आज की पीढ़ी वह सौभाग्य प्राप्त कर सकी है, जिसने भगवान पुरुषोत्तम श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण को साकार होते देखा है।
उन्होंने कहा कि यह पीढ़ी केवल साक्षी नहीं, बल्कि उस इतिहास की उत्तराधिकारी है, जिसे बलिदान, तपस्या और संघर्ष से लिखा गया है। शौर्य यात्रा इसी स्मृति और संकल्प को जीवंत बनाए रखने का माध्यम है।
संगठनात्मक एकता का परिचय
इस अवसर पर विहिप, बजरंग दल और सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की संगठित उपस्थिति ने कार्यक्रम को और सशक्त बनाया। उपस्थित गण में प्रमुख रूप से विभाग संगठन मंत्री कुलदीप सिंह, केशव चन्द्र साय, मुकेश सिंह, पुनम सिंह, शिवम जयसवाल, मनीष बाबु, मनोज वर्मा, अमित कुमार, अमन राणा, संतोष यादव, अरविंद लोहरा, रविन्द्र सिंह, यश राज सिंह, श्याम मंत्री, प्रकाश भगत, मनोज साहू, कुलदीप राम, कुणाल कुमार, विपुल गुप्ता, प्रमोद सिंह, मुकेश राम, दुखन गोप, सानु साहु, रवि राम, सुरेन्द्र साहु सहित अन्य बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सभी ने एक स्वर में कहा कि शौर्य यात्रा ने समाज में सकारात्मक ऊर्जा और संगठन के प्रति विश्वास को और मजबूत किया है।
समाज और प्रशासन का सहयोग रहा सराहनीय
अजय सिंह राणा ने विशेष रूप से स्थानीय समाजसेवियों, जल सेवा में लगे स्वयंसेवकों और सुरक्षा बलों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सहयोग और सुरक्षा बलों की सजगता के कारण यात्रा शांतिपूर्ण, सुरक्षित और अनुशासित तरीके से संपन्न हो सकी।
स्थानीय नागरिकों द्वारा मार्ग में पुष्प वर्षा और सेवा कार्यों से यह स्पष्ट हुआ कि समाज ने इस आयोजन को पूरे मन से स्वीकार किया और अपना समर्थन दिया।
भविष्य के लिए संकल्प
धन्यवाद ज्ञापन के अंत में अजय सिंह राणा ने कहा कि इस शौर्य यात्रा से मिली ऊर्जा और एकता को भविष्य में सेवा, संस्कार और संगठन विस्तार के कार्यों में लगाया जाएगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचकर सनातन मूल्यों का संदेश दें।
उन्होंने कहा कि गुमला जिला आगे भी इस तरह के आयोजनों के माध्यम से सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक समरसता को मजबूत करता रहेगा।
न्यूज़ देखो: एकता और अनुशासन का सशक्त संदेश
बजरंग दल शौर्य यात्रा का सफल आयोजन यह दर्शाता है कि जब समाज, संगठन और प्रशासन एकजुट होकर कार्य करते हैं, तो बड़े से बड़ा आयोजन भी शांतिपूर्ण और प्रेरणादायी बन सकता है। यह यात्रा सनातन चेतना, संगठन शक्ति और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनकर उभरी है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
एकजुट समाज से ही सशक्त राष्ट्र
शौर्य यात्रा ने यह संदेश दिया है कि एकता, अनुशासन और समर्पण से समाज मजबूत बनता है।
सांस्कृतिक मूल्यों को समझें, इतिहास से प्रेरणा लें और समाजहित में सक्रिय भूमिका निभाएं।
इस आयोजन पर आपकी क्या राय है? कमेंट में अपनी बात रखें, खबर को साझा करें और समाज में सकारात्मक संदेश को और आगे बढ़ाएं।





