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पलामू में नवरात्र के दौरान मांस, मछली और अंडा की बिक्री पर रोक की मांग: विहिप ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन

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#पलामू #नवरात्र : विश्व हिंदू परिषद ने सप्तमी से विजयादशमी तक मांस, मछली और अंडा की दुकानों को बंद रखने की औपचारिक मांग जिला प्रशासन से की
  • विश्व हिंदू परिषद, पलामू ने उपायुक्त महोदया को पत्र भेजकर नवरात्र के दौरान मांस, मछली और अंडा की बिक्री पर रोक लगाने का अनुरोध किया।
  • संगठन ने बताया कि सप्तमी से विजयादशमी तक पवित्र वातावरण बनाए रखना और उपवास तथा पूजा-अर्चना की आस्था का सम्मान करना आवश्यक है।
  • पत्र में कहा गया कि सार्वजनिक दुर्गा पूजा के पंडालों में प्रतिमा स्थापना और पूजा प्रारंभ सप्तमी से होगी और यह विजयादशमी तक चलेगी।
  • स्थानीय लोगों का कहना है कि नवरात्र केवल धार्मिक पर्व नहीं बल्कि सामाजिक सद्भाव और स्वच्छता का संदेश भी देता है।

विश्व हिंदू परिषद, पलामू ने नवरात्र पर्व के पवित्र माहौल और उपवास की श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन से यह औपचारिक अनुरोध किया है कि सप्तमी से विजयादशमी तक जिले में सभी मांस, मछली और अंडा की दुकानें बंद रखी जाएँ। संगठन के जिला मंत्री अधिवक्ता अमित तिवारी ने बताया कि नवरात्र के दौरान स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान करना प्रशासन की जिम्मेदारी भी बनती है।

संगठन का दृष्टिकोण और प्रशासन से अपील

विश्व हिंदू परिषद ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि यह मांग केवल धार्मिक भावना का सम्मान करने के लिए है। उन्होंने कहा कि सप्तमी से पंडालों में पूजा प्रारंभ होगी और यह विजयादशमी तक चलेगी। इस दौरान स्वच्छ और पवित्र वातावरण बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

अधिवक्ता अमित तिवारी ने कहा: “नवरात्र केवल धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सद्भाव, स्वच्छता और पवित्रता का संदेश भी देता है। इसलिए दुकानों को बंद रखना हमारे पर्व की गरिमा बनाए रखने के लिए जरूरी है।”

संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। इनमें प्रांत टोली सदस्य और जिला पालक दामोदर मिश्रा, विहिप विशेष संपर्क प्रमुख अधिवक्ता किशोर पांडेय, और बजरंग दल जिला संयोजक संदीप प्रसाद गुप्ता शामिल थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय सहयोग और प्रशासनिक समर्थन दोनों ही धार्मिक आयोजनों की सफलता के लिए आवश्यक हैं।

स्थानीय प्रतिक्रिया और सामाजिक महत्व

स्थानीय लोगों का मानना है कि नवरात्र केवल पूजा-अर्चना का पर्व नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता और स्वच्छता का संदेश भी देता है। इसलिए इस दौरान मांस, मछली और अंडा की बिक्री पर रोक लगाना धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है और इस बार इसे प्रशासनिक स्तर पर लागू करने की मांग की गई है।

न्यूज़ देखो: नवरात्र में धार्मिक आस्था और सामाजिक शुद्धता के लिए प्रशासनिक कदम की आवश्यकता

इस समाचार से स्पष्ट होता है कि धार्मिक आयोजनों में आस्था और पवित्रता बनाए रखना समुदाय के लिए कितना महत्वपूर्ण है। संगठन ने औपचारिक तरीके से जिला प्रशासन से यह मांग पेश कर यह संकेत दिया कि नागरिक और प्रशासनिक सहयोग दोनों मिलकर पर्व की गरिमा बनाए रख सकते हैं।

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धार्मिक आस्था और सामाजिक उत्तरदायित्व में सक्रिय भागीदारी

नवरात्र जैसे पवित्र अवसरों पर सजग रहकर अपने समाज में सकारात्मक बदलाव लाना हमारी जिम्मेदारी है। इस पर्व की गरिमा बनाए रखने के लिए अपने समुदाय और प्रशासन के सहयोग को बढ़ावा दें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और सामाजिक उत्तरदायित्व में सक्रिय भूमिका निभाएँ।

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