
#महुआडांड़ #सांपकाकाटना : डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार कर झाड़-फूंक से दूर रहने की दी सलाह
- दुरूप पंचायत के बरदौनी कला गांव में ग्रामीण बाधा मुंडा को बहिरा जाड़ा सांप ने काट लिया।
- ग्रामीणों ने पहले झाड़-फूंक के माध्यम से इलाज करने की कोशिश की।
- हालत बिगड़ने पर मरीज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महुआडांड़ लाया गया।
- डॉ. अमित खलखो ने प्राथमिक उपचार कर एंटी-वेनम इंजेक्शन लगाया।
- स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से झाड़-फूंक से परहेज और तुरंत अस्पताल पहुंचने की अपील की।
महुआडांड़ प्रखंड के दुरूप पंचायत अंतर्गत बरदौनी कला गांव में शुक्रवार को एक ग्रामीण की जान पर संकट तब आ गया जब बहिरा जाड़ा सांप ने उसे काट लिया। बैल चराने निकले बाधा मुंडा अचानक सांप के डंसने से गंभीर रूप से घायल हो गए। गांववालों ने पहले पारंपरिक तरीके से झाड़-फूंक कर उन्हें ठीक करने की कोशिश की, लेकिन उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई। अंततः परिवार वालों ने उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महुआडांड़ पहुंचाया।
डॉक्टरों ने दी चेतावनी – झाड़-फूंक नहीं, त्वरित चिकित्सा ही समाधान
स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद डॉ. अमित खलखो ने बाधा मुंडा को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया। उन्हें एंटी-वेनम इंजेक्शन लगाया गया और आवश्यक दवाएं दी गईं। डॉक्टर ने बताया कि सांप के काटने के मामलों में समय ही सबसे बड़ा इलाज होता है।
डॉ. अमित खलखो ने कहा: “सांप के काटने पर झाड़-फूंक करना खतरनाक हो सकता है। मरीज को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लाना ही जीवन बचाने का सही तरीका है।”
स्वास्थ्य विभाग की अपील
स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी ग्रामीणों से अपील की है कि सांप के काटने की स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय मदद लें। उन्होंने कहा कि गांवों में फैली झाड़-फूंक की परंपरा कई बार जानलेवा साबित होती है। यदि मरीज को जल्दी अस्पताल पहुंचाया जाए तो उसका जीवन निश्चित रूप से बचाया जा सकता है।
न्यूज़ देखो: ग्रामीण जागरूकता ही जीवन रक्षा का आधार
यह घटना स्पष्ट करती है कि आज भी ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता की भारी कमी है। सांप के काटने जैसी स्थिति में आधुनिक चिकित्सा की अनदेखी करना गंभीर परिणाम दे सकता है। ऐसे में आवश्यक है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार जन-जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को शिक्षित करें।
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जागरूक बनें, जीवन बचाएं
प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व जरूरी है, परंतु सावधानी हर इंसान का कर्तव्य है। ग्रामीण क्षेत्रों में सांप के काटने जैसी घटनाओं से निपटने के लिए सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया ही सबसे बड़ा बचाव है। यदि ऐसी कोई स्थिति हो, तो झाड़-फूंक पर भरोसा न करें – सीधे अस्पताल जाएं।
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