
#समस्तीपुर #चुनाव_विवाद : सड़क पर मिली सैकड़ों वीवीपैट पर्चियां, राजद ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा
- गुड़मा गांव में सड़क पर फेंकी मिली सैकड़ों वीवीपैट पर्चियां।
- राजद ने घटना पर चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण और निष्पक्ष जांच की मांग की।
- डीएम रोशन कुशवाहा और एसपी अरविंद प्रताप सिंह ने मौके पर पहुंचकर जांच की।
- अभ्यर्थियों और समर्थकों की भीड़ जुटी, मौके पर बढ़ाई गई सुरक्षा।
- लापरवाही के आरोप में कर्मियों को निलंबित करने की कार्रवाई शुरू।
समस्तीपुर जिले के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के गुड़मा गांव में शनिवार को बड़ी लापरवाही सामने आई, जब सड़क किनारे सैकड़ों की संख्या में वीवीपैट पर्चियां पड़ी मिलीं। यह पर्चियां देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया और देखते ही देखते यह खबर पूरे इलाके में फैल गई। इस घटना ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राजद ने उठाया सवाल, आयोग से जवाब की मांग
घटना के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। पार्टी ने कहा कि जब चुनाव प्रक्रिया को लेकर विपक्ष पहले से वोट चोरी के आरोप लगा रहा है, तब ऐसी घटनाएं लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास को कमजोर करती हैं।
राजद नेताओं का कहना है: “वीवीपैट जैसी संवेदनशील सामग्री का सड़क पर मिलना सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्नचिन्ह है। आयोग को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
डीएम और एसपी पहुंचे मौके पर
सूचना मिलते ही डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी रोशन कुशवाहा, एसपी अरविंद प्रताप सिंह, उप निर्वाचन पदाधिकारी विनोद कुमार सहित प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची और पूरे मामले का जायजा लिया।
घटनास्थल डिस्पैच सेंटर से मात्र आधा किलोमीटर की दूरी पर था। जब अधिकारी निरीक्षण कर रहे थे, तभी निर्दल प्रत्याशी कुणाल कुमार और जनसुराज प्रत्याशी सज्जन मिश्र भी वहां पहुंच गए। दोनों ने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की।
मौके पर जुटी भीड़, सुरक्षा बढ़ाई गई
घटना की जानकारी मिलते ही प्रत्याशियों के समर्थकों की भीड़ जुट गई। लोग प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाने लगे। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सदर एसडीपीओ वन संजय कुमार ने मोर्चा संभाला और कई थानों की पुलिस को तैनात किया गया।
माइकिंग के माध्यम से लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई। प्रशासन ने मौके से सभी वीवीपैट पर्चियों को जब्त कर लिया है।
प्राथमिकी दर्ज और जांच शुरू
प्रारंभिक जांच के बाद प्रशासन ने मामले में स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
डीएम रोशन कुशवाहा ने कहा: “कमीशनिंग के दौरान पांच प्रतिशत मशीनों पर मॉक पोल किया जाता है। संभव है कि ये पर्चियां उसी प्रक्रिया से जुड़ी हों, फिर भी जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।”
एसपी अरविंद प्रताप सिंह ने बताया कि इस घटना से जुड़ी विधिवत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और अनुसंधान की प्रक्रिया जारी है।
लापरवाही पर कार्रवाई
जिला प्रशासन ने इस घटना को गंभीर मानते हुए लापरवाही बरतने वाले कर्मियों को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं तकनीकी टीम यह जांच कर रही है कि मिली पर्चियां किस बूथ या मशीन से संबंधित हैं।
न्यूज़ देखो: लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न
समस्तीपुर की यह घटना चुनाव व्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाती है। जब मतदाताओं का भरोसा चुनाव प्रक्रिया पर ही डगमगाने लगे, तो लोकतंत्र की नींव कमजोर होती है। यह आवश्यक है कि ऐसी घटनाओं की निष्पक्ष जांच हो और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में चुनाव की विश्वसनीयता पर कोई धब्बा न लगे।
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