
#महुआडांड़ #सर्दी_कहर : समय से पहले पड़ी ठंड ने बढ़ाई परेशानी — राहत के लिए प्रशासन से अलाव और कंबल वितरण की मांग।
- महुआडांड़ प्रखंड में सर्दी ने इस साल समय से पहले दी दस्तक।
- सुबह और रात की ठंडी हवाओं से जनजीवन प्रभावित।
- सड़क किनारे, चौक और बस स्टैंड पर लोग ठिठुरते नजर आए।
- अलाव और कंबल वितरण की मांग जोर पकड़ रही है।
- प्रशासन से त्वरित राहत व्यवस्था की उम्मीद में जनता परेशान।
झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में इस बार सर्दी ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है। सुबह और रात के समय तेज़ ठंडी हवाओं ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है। खुले इलाकों, चौक-चौराहों, बस स्टैंड और सड़क किनारे लोग ठिठुरते हुए नजर आ रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी गरीब और दिहाड़ी मजदूर वर्ग को हो रही है, जो दिनभर मेहनत करने के बाद रातें बिना गर्म कपड़ों और अलाव के गुजारने को विवश हैं।
गरीब और मजदूर वर्ग पर ठंड का सबसे अधिक असर
महुआडांड़ मुख्य चौक पर ठिठुरते हुए रमेश उरांव ने बताया:
“सुबह बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। अलाव नहीं है तो हाथ-पैर सुन्न पड़ जाते हैं। प्रशासन जल्दी कोई इंतज़ाम करे।”
ठंड के कारण मजदूरों का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। सुबह-सुबह काम पर जाने वाले मजदूर देर से निकल रहे हैं, वहीं महिलाएं और बच्चे भी ठंड की वजह से घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
चाय की दुकानों पर उमड़ी भीड़
महुआडांड़ में ठंड से बचने का एकमात्र सहारा इन दिनों गर्म चाय बन गई है। सुबह पांच बजे से ही चाय की दुकानों पर भीड़ जुटने लगती है।
चाय दुकानदार रीता देवी बताती हैं:
“लोग गर्म चाय के सहारे ठंड से राहत पाने आते हैं, लेकिन अलाव न होने से सब परेशान हैं। कई बार छोटे बच्चे भी ठंड में कांपते हुए यहां पहुंचते हैं।”
यह दृश्य रामपुर चौक, बिरसा चौक और बस स्टैंड पर आम हो गया है, जहां लोग एक कप चाय के लिए लंबी कतार में खड़े रहते हैं।
अलाव और कंबल की मांग तेज़
महुआडांड़ के विभिन्न इलाकों — शास्त्री चौक, बस स्टैंड, बिरसा चौक — में लोगों ने प्रशासन से अलाव जलाने और कंबल वितरण की तत्काल मांग की है। कई सामाजिक संगठनों और युवाओं ने भी प्रशासन से अनुरोध किया है कि सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था की जाए ताकि कोई भी व्यक्ति ठंड से परेशान न हो।
स्थानीय निवासी संजय राम ने कहा:
“सुबह-सुबह बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो गया है। अलाव नहीं है तो हाथ-पैर जम जाते हैं। प्रशासन जल्दी कोई इंतज़ाम करे।”
स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
महुआडांड़ में बढ़ती ठंड के कारण बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है। स्वास्थ्य केंद्रों में खांसी-जुकाम, बुखार और अस्थमा जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। चिकित्सकों ने लोगों को ठंड से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है।
सामाजिक संगठनों की पहल
कुछ सामाजिक संगठनों ने गरीब परिवारों में गर्म कपड़े और कंबल वितरण अभियान शुरू किया है, लेकिन यह प्रयास सीमित स्तर पर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक स्तर पर ठोस कदम उठाना जरूरी है ताकि हर जरूरतमंद तक सहायता पहुंच सके।
स्थानीय शिक्षक राकेश कुमार ने कहा: “महुआडांड़ हर साल ठंड से प्रभावित होता है, लेकिन समय पर राहत कार्य नहीं होते। इस बार प्रशासन को पहले से तैयारी करनी चाहिए थी।”
न्यूज़ देखो: सर्दी की मार, व्यवस्था की पुकार
महुआडांड़ में बढ़ती सर्दी यह दर्शाती है कि प्रशासनिक तैयारी अभी भी अधूरी है।
हर साल की तरह इस बार भी गरीब और दिहाड़ी मजदूर वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है।
जरूरी है कि प्रशासन तुरंत अलाव स्थल बनाए, कंबल वितरण शुरू करे और स्वास्थ्य टीमों को सक्रिय करे।
यह केवल राहत नहीं, बल्कि जीवन रक्षक कदम है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
ठंड से लड़ें, संवेदना जगाएं
सर्दी केवल मौसम नहीं, एक सामाजिक जिम्मेदारी की परीक्षा है।
जब कोई गरीब सर्दी में ठिठुरता है, तो यह हमारी संवेदनाओं की विफलता है।
अगर आप सक्षम हैं, तो जरूरतमंदों को गर्म कपड़े या कंबल दें।
प्रशासन से अपील करें कि सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित हो।
आइए मिलकर इस ठंड में किसी का सहारा बनें।
कमेंट करें, खबर साझा करें और संवेदना की यह लौ जलती रहे।




