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गढ़वा के नन्हे खिलाड़ियों ने झारखंड रोलर स्केटिंग चैम्पियनशिप में लहराया परचम

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#गढ़वा #खेल_उपलब्धि : कोच योगेश कुमार बोले – सही सुविधाएं मिलीं तो राष्ट्रीय स्तर पर दिखेगा गढ़वा का दम
  • रांची के खेलगांव में आयोजित 15वीं झारखंड रोलर स्केटिंग एवं स्केटबोर्डिंग चैम्पियनशिप 2025-26 में गढ़वा के खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन।
  • श्रीयोग स्केटिंग क्लब, गढ़वा के 11 बच्चों ने भाग लिया और कई पदक अपने नाम किए।
  • सैमुएल लकड़ा और आदर्श सिन्हा ने जीते स्वर्ण पदक, सार्थक कुमार और मोहित कुमार द्विवेदी ने जीते कांस्य पदक
  • प्रतियोगिता में 17 जिलों के करीब 250 खिलाड़ियों ने भाग लिया।
  • कोच योगेश कुमार ने कहा – “गढ़वा के बच्चों में है राष्ट्रीय स्तर की क्षमता, बस मिलनी चाहिए सही सुविधाएं।”

गढ़वा। छोटे शहरों की मिट्टी में जब हौसले पनपते हैं, तो बड़ी उपलब्धियां खुद-ब-खुद रास्ता बनाती हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण देखने को मिला रांची के खेलगांव में आयोजित 15वीं झारखंड रोलर स्केटिंग एवं स्केटबोर्डिंग चैम्पियनशिप 2025-26 में, जहां गढ़वा के नन्हे खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य स्तर पर अपनी पहचान बनाई।

11 खिलाड़ियों ने दिखाया दमखम

गढ़वा के श्रीयोग स्केटिंग क्लब से कुल 11 बच्चों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। इनमें से कई ने अपनी श्रेणी में शीर्ष स्थान हासिल कर जिले का मान बढ़ाया। राज्य के 17 जिलों के करीब 250 खिलाड़ियों के बीच हुई इस प्रतियोगिता में इन बच्चों ने पूरे आत्मविश्वास के साथ हिस्सा लिया और कठिन मुकाबले में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

सैमुएल और आदर्श ने जीते स्वर्ण, सार्थक और मोहित को कांस्य

200 मीटर दौड़ के 4-6 आयु वर्ग में सैमुएल लकड़ा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। वहीं 8-10 आयु वर्ग में आदर्श सिन्हा ने अपनी गति और संतुलन से सभी को प्रभावित किया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
500 मीटर दौड़ (6-8 आयु वर्ग) में सार्थक कुमार और मोहित कुमार द्विवेदी ने बेहतरीन प्रदर्शन कर कांस्य पदक हासिल किया। इन दोनों ने अपने दृढ़ संकल्प और अभ्यास से साबित किया कि मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती।

अन्य खिलाड़ियों का भी शानदार प्रदर्शन

अन्य प्रतिभागियों में नैतिक चौथे, उत्कर्ष छठे, शौर्य चौथे, जिबरान पांचवें, समर्थ छठे, रुद्राक्ष आठवें और नूरैज आठवें स्थान पर रहे। सभी खिलाड़ियों ने अपने वर्ग में टॉप टेन में जगह बनाई, जो टीम के सामूहिक प्रदर्शन की मजबूती को दर्शाता है।

कोच योगेश कुमार ने कहा: “गढ़वा के बच्चे किसी से कम नहीं हैं। अगर प्रशासन और समाज मिलकर इन्हें बेहतर ट्रैक और प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराएं, तो ये खिलाड़ी आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक लेकर लौटेंगे।”

गढ़वा की पहचान बन रहे हैं नन्हे स्केटर्स

गढ़वा जैसे अपेक्षाकृत छोटे जिले में रोलर स्केटिंग जैसे खेल का बढ़ता रुझान बताता है कि अब गांव और कस्बों के बच्चे भी नए खेलों में अपनी पहचान बना रहे हैं। स्थानीय खेल प्रेमियों का मानना है कि अगर प्रशासनिक और तकनीकी सहयोग मिले, तो आने वाले वर्षों में गढ़वा राज्य स्तर पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिनिधित्व कर सकता है।

इन बच्चों की सफलता ने यह संदेश दिया है कि संसाधनों की कमी के बावजूद, जज्बा और मेहनत से हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

न्यूज़ देखो: छोटे शहरों से बड़ी उड़ान

गढ़वा के इन नन्हे स्केटर्स ने दिखा दिया कि बड़े सपनों के लिए महानगरों में होना जरूरी नहीं, बल्कि जुनून और अभ्यास सबसे बड़ी पूंजी है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे बच्चों के लिए स्थायी स्केटिंग ट्रैक और प्रशिक्षण केंद्र की व्यवस्था करे, ताकि उनकी प्रतिभा को पंख मिल सकें।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सपनों की रफ्तार, गढ़वा का गौरव

इन बच्चों की सफलता सिर्फ पदक जीतने की कहानी नहीं, बल्कि उस पीढ़ी की मिसाल है जो सीमित साधनों में भी आगे बढ़ना जानती है।
अब समय है कि हम सब मिलकर अपने क्षेत्र के ऐसे खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाएं। उनकी कहानी शेयर करें, अपने विचार कमेंट में लिखें और खेल संस्कृति को आगे बढ़ाने में योगदान दें — क्योंकि गढ़वा की उड़ान अभी शुरू हुई है।

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