
#बानो #अटल_जयंती : भारत रत्न के विचारों को याद कर कार्यकर्ताओं ने लिया जनसेवा का संकल्प।
सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड में भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की जन्म जयंती श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में भाजपा के जिला व मंडल स्तर के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल हुए। अटल बिहारी वाजपेई के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके योगदान को स्मरण किया गया। आयोजन का उद्देश्य अटल जी के विचारों और सुशासन की परंपरा को जनमानस तक पहुंचाना रहा।
- बानो प्रखंड में अटल बिहारी वाजपेई की जन्म जयंती का आयोजन।
- जिला अध्यक्ष सुषमा मिश्रा और मंडल अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह रहे प्रमुख रूप से उपस्थित।
- मुखिया विश्वनाथ बड़ाइक सहित कई जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि।
- राष्ट्रसेवा, सुशासन और लोकतांत्रिक मूल्यों पर वक्ताओं ने रखे विचार।
- अटल जी के मार्ग पर चलने का लिया गया सामूहिक संकल्प।
सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड में भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की जन्म जयंती पूरे श्रद्धा भाव और सम्मान के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण शामिल हुए। आयोजन स्थल पर अटल जी के चित्र को आकर्षक ढंग से सजाया गया था, जहां उपस्थित लोगों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत अटल बिहारी वाजपेई के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए की गई। वक्ताओं ने कहा कि अटल जी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि विचार, संवेदना और संवाद की राजनीति के सबसे बड़े प्रतीक थे। उन्होंने भारतीय राजनीति को गरिमा, शालीनता और सहमति की संस्कृति दी।
प्रमुख नेताओं की गरिमामयी उपस्थिति
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष सुषमा मिश्रा, मंडल अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह, बानो मुखिया विश्वनाथ बड़ाइक, महामंत्री बलराम सिंह, महिलामोर्चा मंडल अध्यक्ष रीना देवी, महामंत्री रुक्मणि देवी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। इनके अलावा बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक कार्यक्रम में शामिल हुए।
नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक-एक कर अटल जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूरे वातावरण में अनुशासन, श्रद्धा और गंभीरता का भाव देखने को मिला।
अटल जी का जीवन बना प्रेरणा स्रोत
वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि अटल बिहारी वाजपेई का जीवन राष्ट्रसेवा, सुशासन और लोकतांत्रिक मूल्यों का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने देश को राजनीतिक स्थिरता देने के साथ-साथ विकास और सामाजिक समरसता की मजबूत नींव रखी।
जिला अध्यक्ष सुषमा मिश्रा ने कहा: “अटल बिहारी वाजपेई जी ने राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया। उनके विचार आज भी देश को दिशा देने का कार्य कर रहे हैं।”
वक्ताओं ने कहा कि अटल जी का नेतृत्व ऐसा था, जिसे विरोधी दल भी सम्मान की दृष्टि से देखते थे। यह उनकी विचारशीलता और व्यक्तित्व की सबसे बड़ी पहचान थी।
झारखंड निर्माण में अटल जी की भूमिका को किया याद
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने झारखंड राज्य निर्माण में अटल बिहारी वाजपेई की ऐतिहासिक भूमिका को भी याद किया। उन्होंने कहा कि झारखंड को अलग राज्य का दर्जा देकर अटल जी ने यहां के आदिवासी, मूलवासी, किसान और युवाओं को पहचान और सम्मान दिया।
मंडल अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह ने कहा: “झारखंड की जनता अटल जी के उस निर्णय को कभी नहीं भूल सकती, जिसने राज्य के विकास की नई राह खोली।”
उन्होंने कहा कि अटल जी का यह फैसला सामाजिक न्याय और क्षेत्रीय संतुलन का बड़ा उदाहरण है।
सुशासन और विकास की राजनीति का प्रतीक
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई का कार्यकाल सुशासन, पारदर्शिता और विकास की राजनीति के लिए जाना जाता है। सड़क, संचार, शिक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में उनके निर्णय आज भी देश की आधारशिला बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अटल जी ने “सबका साथ, सबका विकास” की भावना को व्यवहार में उतारा और राजनीति में संवाद की संस्कृति को मजबूत किया।
कार्यकर्ताओं ने लिया संकल्प
कार्यक्रम के अंत में पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने अटल बिहारी वाजपेई के विचारों और आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। सभी ने यह संकल्प दोहराया कि वे समाज सेवा, राष्ट्र निर्माण और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए निरंतर कार्य करेंगे।
कार्यक्रम शांतिपूर्ण, अनुशासित और सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। आयोजन समिति ने सभी उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
न्यूज़ देखो: विचारों से चलती है राजनीति
अटल बिहारी वाजपेई की जन्म जयंती पर आयोजित यह कार्यक्रम बताता है कि आज भी उनकी राजनीति और विचार प्रासंगिक हैं। शालीन संवाद, सहमति और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देने की उनकी परंपरा आज के समय में और अधिक जरूरी हो गई है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
विचारों को जीवन में उतारने का समय
अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब उनके आदर्शों को व्यवहार में अपनाया जाए। राजनीति हो या सामाजिक जीवन, सुशासन, संवाद और संवेदना को प्राथमिकता देना ही उनका सच्चा संदेश है।
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