Bihar

बिहार कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक बदलाव, कृष्णा अल्लावरु बने बिहार कांग्रेस प्रभारी

  • लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस का बड़ा संगठनात्मक फेरबदल
  • कृष्णा अल्लावरु बने बिहार कांग्रेस के नए प्रभारी
  • झारखंड, हिमाचल, मध्य प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना में भी नए प्रभारी नियुक्त
  • बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बदलाव किया गया

बिहार कांग्रेस को नया नेतृत्व, कृष्णा अल्लावरु को मिली बड़ी जिम्मेदारी

लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने संगठन में बड़े बदलाव किए हैं। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बिहार, झारखंड समेत छह राज्यों के प्रभारियों को बदल दिया है। बिहार कांग्रेस के नए प्रभारी के रूप में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय इंचार्ज कृष्णा अल्लावरु को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इससे पहले भक्त चरण दास बिहार कांग्रेस के प्रभारी थे, जिन्हें हटाकर अब अल्लावरु को नियुक्त किया गया है। पार्टी के इस फैसले को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।

अखिलेश सिंह ने दी बधाई, चुनावी रणनीति पर जोर

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कृष्णा अल्लावरु को बधाई देते हुए कहा,

“यह बदलाव बिहार में कांग्रेस को मजबूती देगा। चुनावी साल में संगठन को नया नेतृत्व मिलेगा, जिससे पार्टी को लाभ होगा।”

बिहार कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में सीमित सफलता मिली थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति को धार देने के लिए यह बदलाव अहम माना जा रहा है।

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बिहार विधानसभा चुनाव पर कांग्रेस की नजर

बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं और राजनीतिक दलों ने अभी से अपनी रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। पिछले एक महीने में राहुल गांधी दो बार बिहार दौरा कर चुके हैं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर चुके हैं। इस बीच कृष्णा अल्लावरु की नियुक्ति को चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।

छह राज्यों में कांग्रेस ने बदले प्रभारी

बिहार के अलावा कांग्रेस ने झारखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना में भी संगठनात्मक बदलाव किए हैं।

सूत्रों के अनुसार, बिहार में कांग्रेस के जिला स्तर के संगठन को अब तक मजबूती नहीं मिल पाई थी। राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस पर नाराजगी जताई थी, जिसके बाद बदलाव का फैसला लिया गया।

क्या बदलेगी बिहार कांग्रेस की स्थिति?

कृष्णा अल्लावरु की गिनती बेहतर रणनीतिकारों में होती है और उन्हें संगठनात्मक क्षमता में कुशल माना जाता है। अब देखना होगा कि उनकी अगुवाई में बिहार कांग्रेस की स्थिति मजबूत होती है या नहीं।

‘न्यूज़ देखो’ की अपील

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदलनी शुरू कर दी है। क्या नए प्रभारी के आने से कांग्रेस को फायदा होगा? ऐसे तमाम राजनीतिक अपडेट्स के लिए ‘न्यूज़ देखो’ से जुड़े रहें।

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