
#गढ़वा #विदाईसमारोह : पुलिस विभाग के ईमानदार और अनुशासित अधिकारी प्रेमचंद पांडे के सेवानिवृत्त पर सहकर्मियों ने भावुक पलों के बीच दी विदाई
- गढ़वा में विदाई समारोह का आयोजन, बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और पदाधिकारी रहे शामिल।
- प्रेमचंद पांडे को शॉल और स्मृति चिह्न भेंट कर किया गया सम्मानित।
- पुलिस अधीक्षक अमन कुमार और पुलिस उपाधीक्षक यशोधरा ने की सराहना।
- सहकर्मियों ने कहा—कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन की मिसाल थे पांडे।
- विदाई समारोह में भावुक माहौल, याद किए गए साथ बिताए पल।
गढ़वा में शनिवार को पुलिस विभाग ने अपने अनुभवी और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी प्रेमचंद पांडे को विदाई दी। सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित इस समारोह में पुलिस अधीक्षक अमन कुमार, पुलिस उपाधीक्षक यशोधरा, पुलिस एसोसिएशन शाखा गढ़वा, पुलिस मेंस एसोसिएशन शाखा के पदाधिकारी समेत बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी उपस्थित रहे।
सेवा और योगदान का स्मरण
समारोह के दौरान पुलिस एसोसिएशन गढ़वा शाखा के अध्यक्ष रोहित कुमार चौबे, उपाध्यक्ष चन्द्रशेखर आज़ाद, दिनेश कुमार, दीपक कुमार और विभूति कुमार ने उनके सेवाकाल को याद किया। सभी ने कहा कि प्रेमचंद पांडे ने अपने कार्यकाल में अनुशासन, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया।
अधिकारियों की श्रद्धांजलि जैसी सराहना
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अमन कुमार ने कहा कि प्रेमचंद पांडे जैसे अधिकारी विभाग की सच्ची पहचान हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई चुनौतियों का सामना धैर्य और कुशलता से किया और सहयोगियों के साथ मधुर संबंध बनाए रखे।
वहीं, पुलिस उपाधीक्षक यशोधरा ने उन्हें अनुशासित और मिलनसार अधिकारी बताते हुए कहा कि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।
भावुक पलों से सजा समारोह
समारोह में सहकर्मियों ने प्रेमचंद पांडे को शॉल और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इस दौरान कई अधिकारी और पुलिसकर्मी अपने अनुभव साझा करते हुए भावुक हो उठे। सभी ने कहा कि भले ही वे सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन उनकी कार्यशैली और योगदान विभाग के लिए हमेशा प्रेरणा स्वरूप रहेंगे।
न्यूज़ देखो: विदाई में झलकती कर्तव्य की मिसाल
प्रेमचंद पांडे का यह विदाई समारोह सिर्फ एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि कर्तव्य, ईमानदारी और अनुशासन का जश्न था। उनकी कार्यशैली विभागीय परंपराओं और युवा अधिकारियों के लिए आदर्श बन चुकी है।
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सेवा से सम्मान तक की यात्रा
प्रेमचंद पांडे की यात्रा बताती है कि समर्पण और निष्ठा से किया गया कार्य हमेशा समाज और संस्था दोनों में सम्मान दिलाता है। अब समय है कि हम सभी ऐसे उदाहरणों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में अनुशासन और जिम्मेदारी को अपनाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि और लोग भी इस प्रेरक यात्रा से सीख ले सकें।