
#महुआडांड़ #स्कूलसमयपरिवर्तन : ठंड और कोहरे के बीच अभिभावकों की आवाज़ — “प्राइवेट स्कूलों का समय सुबह 10 बजे किया जाए।”
- महुआडांड़ प्रखण्ड में बढ़ती ठंड से छात्रों को स्कूल जाना कठिन हो गया।
- अभिभावकों ने मांग की — प्राइवेट स्कूल सुबह 10 बजे से शुरू हों।
- ठंडी हवाओं और कोहरे में बच्चों का सफर खतरनाक और अस्वास्थ्यकर बताया।
- कई बच्चे दूरदराज़ के गांवों से आते हैं, जिससे परेशानी दोगुनी।
- शिक्षा विभाग और प्रशासन से जल्द निर्णय की उम्मीद जताई गई।
महुआडांड़ प्रखण्ड क्षेत्र में ठंड का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। सुबह-सुबह ठंडी हवाओं और घने कोहरे के बीच बच्चों को स्कूल भेजना अभिभावकों के लिए चुनौती बन गया है। इस स्थिति को देखते हुए क्षेत्र के अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों के खुलने के समय में बदलाव की मांग की है। उनका कहना है कि तापमान में भारी गिरावट और ठंडी हवाओं के कारण बच्चों का सुबह जल्दी उठकर स्कूल पहुंचना बेहद कठिन हो गया है।
ठंड में बच्चों की परेशानी बढ़ी
स्थानीय अभिभावकों ने बताया कि सुबह के समय जब तापमान सबसे कम रहता है, तब छोटे-छोटे बच्चे ठंड में कांपते हुए स्कूल जाते हैं। कई बच्चों को दूरदराज़ के गांवों से स्कूल तक पहुंचने में काफी समय लगता है। ऐसे में ठंड और कोहरे के बीच यात्रा करना न केवल जोखिम भरा, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक साबित हो रहा है। अभिभावकों का कहना है कि कुछ स्कूलों में हीटर या बंद कमरे की सुविधा नहीं है, जिससे बच्चों को क्लासरूम में भी ठिठुरन झेलनी पड़ती है।
प्रशासन और स्कूल प्रबंधन से उम्मीद
अभिभावकों ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से अपील की है कि वे सर्दी के मौसम को ध्यान में रखते हुए स्कूल का समय सुबह 10 बजे से शुरू करने का निर्देश जारी करें। उनका कहना है कि यह बदलाव अस्थायी रूप से दिसंबर-जनवरी तक रखा जाए, ताकि बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ रहें।
स्थानीय निवासियों ने कहा कि कई राज्यों में ठंड बढ़ने पर इसी तरह स्कूल समय में बदलाव किया जाता है, और महुआडांड़ क्षेत्र में भी यही व्यवस्था लागू होनी चाहिए।
न्यूज़ देखो: ठंड में बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
सर्द मौसम में बच्चों की सेहत और सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रशासन और स्कूल प्रबंधन को चाहिए कि वह शैक्षणिक अनुशासन और बच्चों के स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाए रखें। थोड़ी देर से शुरू होने वाले स्कूल न केवल छात्रों को राहत देंगे, बल्कि अभिभावकों की चिंताओं को भी कम करेंगे।
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बच्चों की सेहत, हमारी जिम्मेदारी
महुआडांड़ के अभिभावकों की यह मांग पूरी तरह जायज़ है। ठंड के मौसम में बच्चों की सुरक्षा सबसे अहम है। अब वक्त है कि हम सब मिलकर बच्चों के लिए सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करें।
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