
#पांडू #पत्रकार_शोक : रांची रिम्स में उपचार के दौरान आजाद सिपाही के निर्भीक पत्रकार मनोज सिंह की धर्मपत्नी का निधन।
- मनोज सिंह, करमडीह निवासी और आजाद सिपाही दैनिक के सक्रिय पत्रकार हैं।
- उनकी पत्नी का सोमवार को रांची रिम्स में निधन हो गया।
- वे लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं।
- निधन की खबर से पत्रकार और सामाजिक जगत में शोक की लहर।
- झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के सदस्य मनोज सिंह को साथियों ने दी संवेदना।
- स्थानीय लोग व पत्रकार साथी उनके आवास पहुंचकर परिवार को सांत्वना दे रहे हैं।
पांडू (पलामू): स्थानीय पत्रकारिता जगत सोमवार को शोक में डूब गया, जब करमडीह निवासी पत्रकार मनोज सिंह की पत्नी का रांची रिम्स में उपचार के दौरान निधन हो गया। वे लंबे समय से गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं और चिकित्सकों की पूरी कोशिशों के बावजूद उन्होंने अंतिम सांस ली।
लंबे समय से बीमार थीं पत्रकार की पत्नी
परिजनों के अनुसार, मनोज सिंह की धर्मपत्नी पिछले कुछ महीनों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ रही थीं। लगातार इलाज के बावजूद उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो पाया। सोमवार को रांची रिम्स में उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।
उनके निधन की खबर मिलते ही न केवल मनोज सिंह के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा, बल्कि पूरे पत्रकार समुदाय में गहरा शोक और संवेदना की लहर फैल गई।
एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा: “मनोज सिंह जी की धर्मपत्नी का जाना हम सभी के लिए व्यक्तिगत क्षति है। वे सौम्य, मृदुभाषी और परिवार के प्रति समर्पित रहीं।”
संवेदनाओं का तांता, पत्रकार जगत हुआ स्तब्ध
निधन की सूचना मिलते ही झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के सदस्य, स्थानीय पत्रकार और समाजसेवी मनोज सिंह के आवास पर पहुंचने लगे। सभी ने शोक संवेदना व्यक्त की और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाने का प्रयास किया।
साथी पत्रकार तीर्थराज ने कहा: “पत्रकार मनोज सिंह अपने क्षेत्र में निडर और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं। इस कठिन समय में पूरा मीडिया परिवार उनके साथ खड़ा है।”
सामाजिक और पत्रकारिक समुदाय में गहरा असर
उनकी धर्मपत्नी के निधन से न केवल पारिवारिक बल्कि सामाजिक और पत्रकारिक क्षेत्र में भी गहरी रिक्तता महसूस की जा रही है। उनके नम्र व्यवहार और सौहार्दपूर्ण स्वभाव की वजह से वे हर किसी के दिल में अपनी जगह बना चुकी थीं।
न्यूज़ देखो: पत्रकार परिवार के साथ समाज की संवेदना
यह घटना हमें याद दिलाती है कि पत्रकार भी समाज के सामान्य नागरिक हैं — जो अपने परिवार और कर्तव्य दोनों को निभाने में कठिन संघर्ष करते हैं। मनोज सिंह जैसे पत्रकार समाज की सच्चाई को आवाज देते हैं, और ऐसे समय में समाज का साथ उनके लिए संबल बनना चाहिए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संवेदना में एकजुट हो समाज
दुख के इस क्षण में जरूरी है कि हम मानवता की मूल भावना को याद रखें। पत्रकारिता केवल खबरों का संसार नहीं, बल्कि भावनाओं, संवेदनाओं और समाज के जुड़ाव का माध्यम है।
आइए, मनोज सिंह और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करें
इस खबर को साझा करें, शोक संदेश लिखें, और समाज में एकजुटता एवं संवेदना की संस्कृति को आगे बढ़ाएं।
ॐ शांति।





