Gumla

भीखमपुर बालिका विद्यालय में संत अन्ना स्थापना दिवस श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया

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#भीखमपुर #शिक्षा : बेटियों की प्रतिभा और संत अन्ना की शिक्षाओं का उत्सव
  • संत अन्ना स्थापना दिवस का आयोजन भीखमपुर में हुआ।
  • बालिका मध्य विद्यालय परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।
  • मुख्य अतिथि जिला परिषद सदस्य दिलीप बड़ाइक मौजूद रहे।
  • छात्राओं ने गीत, नृत्य और भाषण से सबको प्रभावित किया।
  • शिक्षा और सेवा के मूल्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।

संत अन्ना स्थापना दिवस केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि शिक्षा और सेवा की उस परंपरा का प्रतीक है जो समाज में बदलाव की नींव रखता है। इस दिन के माध्यम से विद्यालय उन आदर्शों को याद करता है जिनका लक्ष्य ग्रामीण बेटियों को सशक्त बनाना है।

संत अन्ना की प्रेरणा और ऐतिहासिक महत्व

संत अन्ना ने वर्ष 1897 में सेवा और शिक्षा की जो नींव रखी थी उसने समाज में एक नई दिशा दी। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षा केवल ज्ञान नहीं बल्कि समाज को उजाला देने का मार्ग है।

विद्यालय में आयोजन और सांस्कृतिक रंग

गुमला में भीखमपुर के बालिका मध्य विद्यालय में शनिवार को संत अन्ना स्थापना दिवस बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना से हुई और फिर रंगारंग प्रस्तुतियों ने सबका मन मोह लिया। छात्राओं ने पारंपरिक नृत्य, गीत और भाषण के जरिए अपने हुनर का प्रदर्शन किया।

अतिथियों की उपस्थिति और संदेश

इस मौके पर मुख्य अतिथि जिला परिषद सदस्य दिलीप बड़ाइक थे जिनका स्वागत छात्राओं ने फूल मालाओं और पारंपरिक नृत्य से किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पारिस की माता इरमिना किड़ो और हेड सिस्टर ज्योति सोरेन ने की। उन्होंने कहा कि संत अन्ना का जीवन सेवा और शिक्षा का प्रतीक है और विद्यालय इन मूल्यों को आगे बढ़ाने का काम करता रहेगा।

ज्योति सोरेन: “हमारा प्रयास है कि बेटियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए।”

लोगों की सहभागिता और उल्लास

इस आयोजन में सिस्टर ट्रेसा टोप्पो, एलेक्सिया सोरेंग, सिस्टर अयलीन के साथ विद्यालय की शिक्षिकाएं, छात्राएं और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में सभी के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।

न्यूज़ देखो: शिक्षा और परंपरा का संगम

संत अन्ना स्थापना दिवस जैसे आयोजन हमें यह बताते हैं कि शिक्षा और संस्कार का मेल ही समाज को प्रगति के पथ पर ले जा सकता है। ऐसे प्रयास बेटियों के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बेटियों की शिक्षा में सबकी जिम्मेदारी

अब समय है कि हम सब मिलकर शिक्षा को प्राथमिकता दें और बेटियों को आगे बढ़ने का अवसर दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि यह संदेश हर घर तक पहुंचे।

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