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विशुनपुरा के शेखर गुप्ता (छोटू) बने सहायक प्रशाखा पदाधिकारी, क्षेत्र में उमड़ा जश्न और गर्व

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#विशुनपुरा #सफलताकाजश्न : जेएसएससी सीजीएल परिणाम जारी होते ही विशुनपुरा में खुशी की लहर दौड़ी—शेखर गुप्ता का चयन सहायक प्रशाखा पदाधिकारी पद पर, ग्रामीणों ने मिठाइयाँ बाँटकर मनाया जश्न
  • विशुनपुरा गांव के शेखर गुप्ता उर्फ छोटू का जेएसएससी सीजीएल में सहायक प्रशाखा पदाधिकारी पद पर चयन।
  • ओबीसी वर्ग से चयन होने पर परिवार और पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल।
  • प्रारंभिक शिक्षा से स्नातक तक की पढ़ाई स्थानीय व क्षेत्रीय संस्थानों से पूरी की।
  • चयन की खबर मिलते ही ग्रामीणों, मित्रों और रिश्तेदारों का शेखर के घर पर जमावड़ा
  • कुलु गुप्ता, मुकुंद लाल, राजु सिंह, मानिक गुप्ता, अंकित सिंह, उदय चौरसिया, अनिल गुप्ता, रंजन गुप्ता सहित कई लोगों ने दी बधाइयाँ।
  • शेखर ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, बहन, गुरुजनों और शुभचिंतकों को दिया।

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा का परिणाम सोमवार देर शाम जैसे ही जारी हुआ, विशुनपुरा प्रखंड में खुशी का माहौल छा गया। क्षेत्र के युवा शेखर गुप्ता उर्फ छोटू का सहायक प्रशाखा पदाधिकारी पद पर चयन होने से पूरा गांव गर्व से झूम उठा। विशुनपुरा गांव के इस प्रतिभाशाली युवक ने ओबीसी श्रेणी से उल्लेखनीय सफलता अर्जित कर परिवार और समाज का नाम रोशन किया है। परिणाम आने के तुरंत बाद उनके घर पर बधाई देने वालों की भीड़ लग गई। मिठाइयाँ बाँटी गईं और हर किसी ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

शेखर की सफलता से गांव में खुशी की लहर

शेखर गुप्ता की सफलता मात्र एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे विशुनपुरा क्षेत्र के लिए गर्व का विषय बन गई है। देर शाम परिणाम जारी होते ही सोशल मीडिया से लेकर गांव की गलियों तक हर जगह उनकी उपलब्धि की चर्चा होने लगी। ग्रामीणों ने इसे युवाओं के लिए प्रेरणादायक क्षण बताया।

परिवार के लोग भी खुशी से झूम उठे। शेखर के पिता मनिधार प्रसाद गुप्ता ने कहा कि बेटे की यह सफलता वर्षों की मेहनत और संघर्ष का परिणाम है। गांव के बुजुर्गों ने कहा कि शेखर ने एक बार फिर यह साबित किया कि संसाधनों की कमी कभी प्रतिभा को रोक नहीं सकती।

प्रारंभिक शिक्षा से सरकारी नौकरी तक का सफर

शेखर की शैक्षणिक यात्रा पूरी तरह क्षेत्रीय संस्थानों में ही विकसित हुई, जो इसे और प्रेरणादायक बनाती है।

  • प्रारंभिक पढ़ाई: बाल विकास विद्यालय, विशुनपुरा
  • मैट्रिक: राज राजेंद्र प्रताप देव उच्च विद्यालय, विशुनपुरा
  • इंटरमीडिएट: एस.एस.जे.एस. नामधारी कॉलेज, गढ़वा
  • स्नातक: शंकर प्रताप देव महाविद्यालय, बंशीधर नगर (उंटारी)

स्थानीय स्तर पर अपनी शिक्षा पूरी करना और फिर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में सफलता हासिल करना क्षेत्र के युवाओं के लिए उदाहरण प्रस्तुत करता है।

सफलता पर शेखर की प्रतिक्रिया

अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए शेखर गुप्ता ने कहा:

शेखर गुप्ता ने कहा: “यह उपलब्धि मेरे माता-पिता, बहन, गुरुजनों और शुभचिंतकों के आशीर्वाद, मार्गदर्शन और निरंतर प्रेरणा का परिणाम है। मैं आने वाले समय में अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाने का प्रयास करूँगा।”

शेखर का यह विनम्र रवैया ग्रामीणों को और भी प्रभावित कर गया। लोग इसे क्षेत्र की नई पीढ़ी के लिए एक सकारात्मक संदेश के रूप में देख रहे हैं।

क्षेत्र में बधाइयों का तांता

चयन की खबर आते ही ग्रामीणों तथा परिचितों ने शेखर के घर पहुंचकर बधाइयाँ दीं। इस दौरान कुलु गुप्ता, मुकुंद लाल, राजु सिंह, मानिक गुप्ता, अंकित सिंह, उदय चौरसिया, अनिल गुप्ता, रंजन गुप्ता सहित कई लोगों ने शेखर को गले लगाकर हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। सभी ने कहा कि उनके चयन से केवल परिवार ही नहीं, बल्कि पूरा प्रखंड गौरवान्वित हुआ है।

गांव की महिलाओं ने भी मिठाइयाँ बांटकर खुशी व्यक्त की। युवाओं ने कहा कि यह सफलता उन्हें निरंतर प्रयास और परिश्रम करने की प्रेरणा देगी।

ग्रामीणों ने क्या कहा?

गांव के कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शेखर की यह उपलब्धि युवाओं को नई दिशा दिखाएगी। वे साधारण परिवार से आने वाले युवक हैं, और उनकी मेहनत ने साबित कर दिया कि लक्ष्य चाहे जितना बड़ा हो, ईमानदार प्रयास से पूरा किया जा सकता है।

नई भूमिका के प्रति शेखर की प्रतिबद्धता

सहायक प्रशाखा पदाधिकारी के रूप में चयन के बाद शेखर ने आश्वासन दिया कि वे अपनी नई भूमिका में पूरी लगन से कार्य करेंगे और लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा एक जिम्मेदारी है, जिसे वे पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ निभाएंगे।

न्यूज़ देखो: युवाओं के सपनों को पंख देने वाली सफलता

शेखर गुप्ता की सफलता यह दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी प्रतिभा अवसर मिलने पर नई ऊँचाइयों को छू सकती है। यह खबर न केवल विशुनपुरा बल्कि पूरे गढ़वा जिले के युवाओं में नई ऊर्जा भरती है। प्रतियोगी परीक्षाओं की कठिन राह के बावजूद शेखर ने जो मुकाम हासिल किया है, वह अन्य युवाओं के लिए मजबूत प्रेरणा बनेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सपनों को लक्ष्य में बदलने की प्रेरक कहानी

शेखर की यह सफलता हर युवा को याद दिलाती है कि कठिनाइयाँ चाहे जितनी भी हों, संकल्प और निरंतर प्रयास हमेशा फल देते हैं। जिस उत्साह से ग्रामीणों ने उनके चयन का स्वागत किया, वह साबित करता है कि समाज हमेशा प्रतिभा को सम्मान देता है।
अब समय है कि हम भी अपने क्षेत्र के युवा सपनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा और समर्थन का वातावरण बनाएं।

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Rajkumar Singh (Raju)

विशुनपुरा, गढ़वा

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