
#मनिका #शैक्षिक_भ्रमण : केचकी संगम, बेतला नेशनल पार्क और पलामू किला का किया अध्ययनात्मक भ्रमण
- गुरु नानक आवासीय विद्यालय सिंजो द्वारा शैक्षिक भ्रमण का आयोजन।
- केचकी संगम, बेतला नेशनल पार्क और पलामू किला का कराया गया भ्रमण।
- विद्यार्थियों को इतिहास, संस्कृति और वैज्ञानिक तथ्यों की दी गई जानकारी।
- शिक्षकों ने व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ने पर दिया विशेष जोर।
- सुरक्षा व्यवस्था के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ भ्रमण।
मनिका प्रखंड स्थित गुरु नानक आवासीय विद्यालय सिंजो की ओर से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्र-छात्राओं को पलामू प्रमंडल के प्रमुख ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों का भ्रमण कराया गया, जिससे बच्चों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो सके।
लातेहार जिले के मनिका प्रखंड अंतर्गत संचालित गुरु नानक आवासीय विद्यालय सिंजो द्वारा विद्यार्थियों के समग्र विकास के उद्देश्य से एक प्रेरणादायक शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया गया। इस भ्रमण में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने केचकी संगम, बेतला नेशनल पार्क और ऐतिहासिक पलामू किला का भ्रमण कर प्रकृति, इतिहास और संस्कृति को नजदीक से जाना।
ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों का अध्ययन
शैक्षिक भ्रमण की शुरुआत केचकी संगम से हुई, जहां विद्यार्थियों को नदियों के संगम, जल प्रवाह और प्राकृतिक संरचना के बारे में जानकारी दी गई। शिक्षकों ने बताया कि किस प्रकार संगम स्थल धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं।
इसके बाद बच्चों को बेतला नेशनल पार्क ले जाया गया, जहां विद्यार्थियों ने वन्य जीवन, जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझा। शिक्षकों ने बच्चों को जंगलों के संरक्षण, वन्य प्राणियों के जीवन चक्र और पारिस्थितिकी तंत्र की जानकारी सरल भाषा में दी। बच्चों ने हिरण, पक्षियों और हरियाली से भरपूर वातावरण को देखकर विशेष उत्साह दिखाया।
पलामू किला ने बढ़ाई ऐतिहासिक समझ
भ्रमण का प्रमुख आकर्षण रहा पलामू किला, जहां विद्यार्थियों को झारखंड के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराया गया। शिक्षकों ने किले के निर्माण, प्राचीन शासन व्यवस्था और ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी दी। विद्यार्थियों ने किले की स्थापत्य कला और ऐतिहासिक महत्व को देखकर जिज्ञासा व्यक्त की और कई सवाल पूछे।
व्यवहारिक ज्ञान पर विशेष जोर
भ्रमण के दौरान शिक्षकों ने विद्यार्थियों को केवल देखने तक सीमित न रखते हुए उन्हें प्रश्न पूछने, समझने और अनुभव साझा करने के लिए प्रेरित किया। शिक्षकों ने बताया कि—
“पुस्तकों में पढ़ा गया ज्ञान तभी पूर्ण होता है, जब विद्यार्थी उसे वास्तविक जीवन में देखकर और समझकर अनुभव करें।”
विद्यार्थियों ने भी इस शैक्षिक भ्रमण को रोचक, ज्ञानवर्धक और यादगार बताया। कई छात्रों ने कहा कि इस भ्रमण से उन्हें पढ़ाई को समझने में आसानी हुई और इतिहास तथा विज्ञान विषय में रुचि बढ़ी है।
विद्यालय प्रबंधन का संदेश
विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण से बच्चों का मानसिक, बौद्धिक और सामाजिक विकास होता है। इससे विद्यार्थियों में टीमवर्क, अनुशासन और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता भी विकसित होती है। प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया कि भ्रमण के दौरान सभी आवश्यक सुरक्षा व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा गया।
इनकी रही महत्वपूर्ण उपस्थिति
इस शैक्षिक भ्रमण के दौरान विद्यालय के संचालक राजेश कुमार, प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार, सभी सहायक अध्यापक, संरक्षक उमेश प्रजापति, अरकेश प्रजापति, पंकज प्रजापति एवं वरिष्ठ पत्रकार डिम्पल राजा उपस्थित रहे। सभी ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया और उनके अनुशासन की सराहना की।
न्यूज़ देखो: शिक्षा को अनुभव से जोड़ने की पहल
गुरु नानक आवासीय विद्यालय सिंजो का यह शैक्षिक भ्रमण विद्यार्थियों को पुस्तकीय ज्ञान से आगे ले जाकर वास्तविक दुनिया से जोड़ने का सफल प्रयास रहा। ऐसे आयोजन न केवल बच्चों की समझ को व्यापक बनाते हैं, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सीखने का सबसे अच्छा तरीका है अनुभव
शिक्षा केवल कक्षा तक सीमित नहीं होनी चाहिए।
ऐसे प्रयास बच्चों के भविष्य को मजबूत बनाते हैं।
अपने क्षेत्र के विद्यालयों में भी शैक्षिक भ्रमण को प्रोत्साहित करें।
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