
हाइलाइट्स :
- कोडरमा विधायक डॉ. नीरा यादव के नेता प्रतिपक्ष बनने की प्रबल संभावना।
- बीजेपी महिला चेहरे को आगे कर बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा संदेश दे सकती है।
- बाबूलाल मरांडी, सीपी सिंह और नीरा यादव की दावेदारी पर चल रही चर्चा।
- सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी को दो हफ्ते में नेता प्रतिपक्ष चुनने का निर्देश दिया था।
झारखंड में नेता प्रतिपक्ष को लेकर जल्द होगा फैसला
झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) के चयन को लेकर चल रहा सस्पेंस अब खत्म होने की ओर है। कोडरमा से तीसरी बार भाजपा विधायक बनीं डॉ. नीरा यादव इस दौड़ में सबसे मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं। भाजपा महिला चेहरे को आगे कर झारखंड और बिहार में एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने की तैयारी कर रही है, क्योंकि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
कौन-कौन हैं रेस में?
नेता प्रतिपक्ष बनने की दौड़ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, वरिष्ठ नेता सीपी सिंह और डॉ. नीरा यादव का नाम शामिल है। हालांकि, नीरा यादव महिला होने के साथ-साथ ओबीसी वर्ग से भी आती हैं, जिससे उनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है।
भाजपा विधायक दल के नेता का चयन क्यों है महत्वपूर्ण?
भाजपा द्वारा अब तक विधानसभा में विपक्ष के नेता की नियुक्ति नहीं किए जाने से कई महत्वपूर्ण पद खाली पड़े हैं। मुख्य सूचना आयुक्त समेत अन्य संवैधानिक नियुक्तियां रुकी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी 2025 को सरकार को दो हफ्ते में नेता प्रतिपक्ष चुनने का निर्देश दिया था, लेकिन मामला अब तक लटका हुआ है।
केंद्रीय पर्यवेक्षक करेंगे अंतिम फैसला
भाजपा के विधायक दल के नेता के चुनाव को लेकर भूपेंद्र यादव और डॉ. के लक्ष्मण को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। तीनों दावेदारों के समर्थक अपनी-अपनी ओर से जोर-आजमाइश कर रहे हैं। अब देखना होगा कि भाजपा आलाकमान किसके नाम पर मुहर लगाता है।
‘न्यूज़ देखो’ की नजर नेता प्रतिपक्ष चयन पर
क्या भाजपा झारखंड में पहली बार किसी महिला नेता को विपक्ष का चेहरा बनाएगी? क्या इस फैसले का बिहार चुनाव पर भी असर पड़ेगा? ‘न्यूज़ देखो’ इस अहम राजनीतिक घटनाक्रम पर पूरी नजर बनाए रखेगा।