
#देवघर #साइबर_अपराध : डकाय जंगल में छापेमारी कर पुलिस ने साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया, तीन आरोपी नकद और डिजिटल साक्ष्यों के साथ पकड़े गए।
देवघर जिले में साइबर अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। सारठ थाना क्षेत्र के डकाय जंगल में छापेमारी कर तीन साइबर ठगों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी फर्जी कस्टमर केयर और सरकारी अधिकारी बनकर लोगों से ऑनलाइन ठगी कर रहे थे। इस कार्रवाई को जिले में बढ़ते साइबर अपराध पर बड़ी चोट माना जा रहा है।
- डकाय जंगल में साइबर ठगी का अड्डा संचालित होने की गुप्त सूचना पर छापा।
- तीन साइबर ठग गिरफ्तार, मौके से ₹22,300 नकद जब्त।
- फर्जी कस्टमर केयर और सरकारी अधिकारी बनकर करते थे ठगी।
- पीएम किसान योजना, फोन पे, पेटीएम और एयरटेल पेमेंट बैंक के नाम पर धोखाधड़ी।
- जनवरी 2025 से अब तक 775 साइबर अपराधी गिरफ्तार।
देवघर जिले में साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक सौरभ के निर्देश पर और पुलिस उपाधीक्षक राजा कुमार मित्रा के नेतृत्व में 23 दिसंबर को एक विशेष छापामारी अभियान चलाया गया। यह कार्रवाई सारठ थाना क्षेत्र के अंतर्गत डकाय जंगल, खजुर पेड़ के पास की गई, जहां साइबर ठगी का अड्डा संचालित होने की सूचना पुलिस को मिली थी।
गुप्त सूचना पर त्वरित कार्रवाई
पुलिस को विश्वसनीय गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि डकाय जंगल के सुनसान इलाके में कुछ युवक बैठकर मोबाइल फोन के माध्यम से आम लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। सूचना की गंभीरता को देखते हुए वरीय अधिकारियों को अवगत कराया गया और तत्काल छापामारी दल का गठन किया गया। पुलिस टीम ने योजनाबद्ध तरीके से जंगल क्षेत्र को घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया, जहां से तीन संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया गया।
रंगे हाथों पकड़े गए साइबर ठग
छापेमारी के दौरान पुलिस ने तीनों आरोपियों को मोबाइल फोन के जरिए लोगों से बातचीत करते हुए पकड़ा। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी खुद को फर्जी बैंक अधिकारी, कस्टमर केयर प्रतिनिधि और सरकारी पदाधिकारी बताकर लोगों को भ्रमित कर रहे थे। मौके से दो मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड और ₹22,300 नकद बरामद किए गए, जिसे ठगी की राशि बताया जा रहा है।
ठगी के तरीके सुन पुलिस भी हैरान
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी बेहद सुनियोजित तरीके से साइबर ठगी को अंजाम दे रहे थे। वे पीएम किसान योजना के लाभुकों को फर्जी लिंक भेजते थे, जिसे क्लिक करते ही पीड़ित के खाते से राशि निकाल ली जाती थी। इसके अलावा फोन पे और पेटीएम के फर्जी कस्टमर केयर बनकर लोगों को कैशबैक का लालच दिया जाता था और उनसे गिफ्ट कार्ड बनवाकर उसे तुरंत रिडीम कर लिया जाता था।
डर और लालच दोनों का इस्तेमाल
साइबर ठगों का एक अन्य तरीका एयरटेल पेमेंट बैंक के नाम पर उपभोक्ताओं को डराना था। आरोपी कॉल कर कहते थे कि उनका कार्ड बंद होने वाला है और उसे चालू कराने के लिए एयरटेल थैंक्स ऐप के माध्यम से प्रक्रिया पूरी करनी होगी। जैसे ही पीड़ित प्रक्रिया शुरू करता, आरोपी खाते से पैसे निकाल लेते थे। पुलिस के अनुसार ये तरीके खासतौर पर ग्रामीण और कम तकनीकी जानकारी रखने वाले लोगों को निशाना बनाकर अपनाए जाते थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नितेश कुमार मंडल (28 वर्ष), सनम कुमार दास (25 वर्ष) और संजय दास (25 वर्ष) के रूप में की है। तीनों आरोपी देवघर जिले के अलग-अलग इलाकों के निवासी बताए गए हैं। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह के पीछे कोई बड़ा नेटवर्क तो काम नहीं कर रहा है।
साइबर अपराध पर लगातार प्रहार
पुलिस के अनुसार जनवरी 2025 से अब तक देवघर जिले में 775 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस दौरान 953 मोबाइल फोन और 1201 सिम कार्ड जब्त किए गए हैं, जिनमें 279 प्रतिबिंब आधारित सिम शामिल हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि साइबर अपराध के खिलाफ जिले में व्यापक और सतत अभियान चलाया जा रहा है।
छापामारी दल की अहम भूमिका
इस कार्रवाई में छापामारी दल का नेतृत्व पुलिस निरीक्षक हरदियुस टोप्पो ने किया, जबकि सहायक अवर निरीक्षक अमर कुमार राम सहित सारठ थाना की पुलिस टीम सक्रिय रूप से शामिल रही। टीम की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से एक सक्रिय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश संभव हो सका।
आम जनता से सतर्क रहने की अपील
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल, लिंक, या कैशबैक ऑफर से सावधान रहें। किसी भी सरकारी योजना या बैंक से जुड़ी जानकारी केवल आधिकारिक माध्यमों से ही साझा की जाती है। संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत नजदीकी थाना या साइबर हेल्पलाइन को देने की सलाह दी गई है।
न्यूज़ देखो: साइबर अपराध पर सख्ती का असर
डकाय जंगल में की गई यह कार्रवाई दर्शाती है कि देवघर पुलिस साइबर अपराध को लेकर पूरी तरह गंभीर है। लगातार गिरफ्तारी और जब्ती से अपराधियों के हौसले पस्त हो रहे हैं। हालांकि बदलते तकनीकी तरीकों के साथ सतर्कता और जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है। अब देखने वाली बात होगी कि इस गिरोह से जुड़े अन्य कड़ियों तक पुलिस कब पहुंचती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव
डिजिटल युग में एक छोटी सी लापरवाही भारी नुकसान का कारण बन सकती है।
सरकारी योजना या बैंक के नाम पर आए हर कॉल पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
यदि यह खबर आपको सतर्क करती है, तो इसे अपने परिवार और दोस्तों तक जरूर पहुंचाएं, अपनी राय साझा करें और साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता की इस मुहिम में भागीदार बनें।





